Friday 9 March 2012

हिमाद्रि तुंग शृंग से -जयशंकर प्रसाद


हिमाद्रि तुंग शृंग से

जयशंकर प्रसाद  

हिमाद्रि तुंग शृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती,
स्वयं प्रभा समुज्ज्वला स्वतंत्रता पुकारती.
'
अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ़- प्रतिज्ञ सोच लो,
प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो!'

असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ विकीर्ण दिव्य दाह-सी,
सपूत मातृभूमि के- रुको न शूर साहसी.
अराति सैन्य सिंधु में, सुवाड़वाग्नि से जलो,
प्रवीर हो जयी बनो - बढ़े चलो, बढ़े चलो.

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